दिल्ली रेप काण्ड

गोल्डी यादव 
कक्षा – आठ ,  कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय, मलीहाबाद

दिल्ली रेप काण्ड बहुत दुखद पूर्ण और बहुत ही शर्मनाक काण्ड था । यह घटना दिल्ली में 16 दिसंबर को घटित हुई , लड़की ने जो शारीरिक उत्पीडन झेला । उसको अगर हम सब लोग सोचते है तो आँखों में आंसू निकल आते है , और मन भयभीत हो जाता है । दुर्घटना के दिन से हमने उसके जीवित रहने की प्रार्थना की और यह चाहते थे की काश वह जीवित रहे तो कम से कम अपराधियों को दण्ड मिलता देखे । जिससे उसके साथ दुष्ट कर्म किया जिससे उसकी आत्मा को शांति मिल जाती । मेरे विचार से अपराधियों को फाँसी  की सजा नहीं बल्कि उनको कारागार में डाल देना चाहिए व् अंग भंग कर देना चाहिए उनको यह सदैव महसूस होता  रहे की उन्होंने कभी कितना घिनोना अपराध किया था । ऐसे अपराधियों को तुरंत सजा देनी चाहिए और हमें पूरे विश्व में फैली हुई इस घटना को कभी भूलना नही चाहिए और अपराध करने वाले अपराधियों को ऐसी सजा देनी चाहिए की अपराध करने से पूर्व वे कई बार सोचे ।

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6 thoughts on “दिल्ली रेप काण्ड

  1. We all know what happened should not have happened..and so now we talk about strengthening our selves.. but i feel what is more important now is to stand up and realize our duties to practice our rights..by WE.. i don’t mean the victims.. but the people who r at position to stand for justice.. at every step.
    Is it not more important to think that why any crime occurs at first place… be it.. murder , robbery, riots, or for that matter a rape. ?Its not new…
    faults of upbringing, bad company… etc etc..but for that somebody else is suffering…. y???
    Lets make an effort at each end to get the change..be it a small one..
    PRACTICE RIGHT TO APPEAL- if u think this is wrong than write a letter to president..asking for strict enforcement of law… if we..we all do that he will take an action.as its rightly said. pen is mightier than sword..!
    if a strict law is implemented than people will fear the consequences of the crime committed by them.

  2. nirbhaya.
    a young flower of worlds garden
    crushed by devils in human form
    she was nirbhaya.
    brave in face of devastation
    brave in face of countless surgeries
    brave in face of death
    she was nirbhaya.
    a signal to the world
    let not human turn to beasts
    society to impotentcy
    and law to idle spectators
    symbol of silent sacrifice
    she was nirbhaya
    a blot on our values
    a smear on face of humanity
    a burning light of memory now
    she was nirbhaya.

  3. चल पड़ी रेप की हवा ,
    क्या नहीं है इसकी कोई दवा
    लड़कों ने खा ली यही दवा
    लड़कियां निकले तो खूब उन्हें छेड़ना है
    और फिर क्या रेप कर देना है
    क्योंकि माता -पिता का नाम ऊँचा जो करना है
    दरिन्दे पहले नहीं सोचते
    क्योंकि घर वाले भी नहीं पूंछते
    कब तक सहें ये महिलायें
    बहुत हुआ अब बस कोई तो आवाज उठाये
    जो भी ऐसा कम करे या लड़कियों को बदनाम करे
    तो ऐसी उसको सजा मिले की फिर न कोई ऐसा काम करे
    आज उन दरिंदो का ऐसा समय निकला है सुनहरा
    की अपनी ही मा बहनों को दिया इन्होने दर्द गहरा

  4. आज कल हमारे समाज में स्त्रियों के साथ जो हो रहा है ; वह हमारे लिए बहुत शर्मनाक है ‘ क्योकी हर मजहब हमें स्त्री की इज्जत करने का हुक्म देता है ‘लेकिन ये हमारे ही समाज में कुछ लोगो को क्या होता जा रहा है ‘जो लोग एक हैवान की तरह लडकियों की इज्जत उसके मान -सम्मान की हर दिन धज्जिया उड़ा रहे है ‘ इन लोगो के लिए तो कोई ऐसा कानून होना चहिये जिसमे इनकोखौफनाक और घिनोने काम के लिए इतनी भयानक सजा मिलनी चाहिए ताकि कोई दुबारा इस काम को करने की सोंच अपने मन में ही मत लाय/
    सदाचार के नाम को मत करो बेकार
    सुद्ध चीज को ग्रहण करो रक्खो उच्च विचार

  5. aaj hamare desh me balatkaar jaise ghatnaye dekhne aur sunne me mil rahi hai iska sabse bada karad hamare desh ka purush pradhan hona hai. purush stree ko buri najar se dekhte hai .aaj hamare smaaj me aise masloo se nipatne ke liye stree, ladkiyan ko jagrook hona chahiye . aur sarkaar ko bhi aise kanoon banane chahiye ki aise apradhi in sab kamo ko karne se dare aur hajjaro bar soche .aise logo se nipatne ke liye sarkaar ko sakt kanoon banana chahiye thatha 48 ghante ke andar faisla karna chahiye .

  6. प्राचीन काल से ही स्त्रियों पर अत्याचार किये जा रहे हैं उन्हें पुरुषों के सामान अधिकार नहीं मिलता अब ज़माना बदल गया है देश शहर गाँव की स्थितियों में काफी बदलाव आया है स्त्रियों की स्थित में बदलाव आया है स्त्रियों की स्थित में बदलाव आया है लेकिन अभी भी अधिकांश स्त्रियाँ अपने अधिकारों से वंचित हैं वह घरेलु हिंसा बलात्कार आदि ऐसे ही अपराधों की शिकार हैं हमारे देश में भले ही बदलाव अये है लेकिन लोगो की सोंच में कोई भी नहीं आया है लड़कियों के प्रति अपराध की समस्या पूरे विश्व में फैली हुई है पुरुष स्त्रियों पर हाँथ उठाने पर अपनी मर्दानगी समझते हैं लेकिन जो व्यक्ति स्त्रियों पर अत्याचार करता है वो सबसे बड़ा मूर्ख इंसान है क्योंकि स्त्रियों से ही यह दुनिया बनी है लड़कियों के प्रति जो देश भर में jo अपराध फैला होआ है उसे देख कर लोगो के मन में एक डर सा बैठ गya hai लड़कियों के माँ बाप अब अपनी बेटियों को घर से बहार जाने की अनुमति देने से कतराते है लड़कियों के प्रति अब अपराध इतना बढ़ गया है की कही भी कभी भी कुछ भी हो सकता है उन्हें खुले आम सडको बाजारों कॉलेजों बसों आदि स्थानों पर छेड़ा जाता है पर सब चुप -चाप खड़े तमाशा देखतें रहतें हैं किसी में भी अपराध के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत नहीं होती लड़के तो लड़कियों के साथ बलात्कार करके छुपकर बैठ जातें हैं पर इस समाज का सामना करना पड़ता है लड़कियों को लड़कियों के प्रति इतनी असुरक्षा लड़कों लड़कों की वजह से है लड़कों को बचपन से ही लड़कियों से ज्यादा आजादी दी जाती है लड़के चाहे जितना गलत काम करे पर घर वाले उनसे ज्यादा सवाल जवाब नहीं करते लड़कों को बचपन से ही कुछ भी करने की छूट मिली होती है उनकी छोटी -छोटी गलतियों को नज़रन्दाज किया जाता है इसलिए वे बड़े होकर इतनी बड़ी -बड़ी गलतियाँ करते हैं अगर लडको को बचपन से ही अनुशासन में रखा जाए और उनकी किसी भी गलती को नज़रन्दाज न किया जाए तो शायद वह
    बड़े होकर कम गलतियाँ करें लड़कियां भी लडको को छेड़ पर वह ऐसा नहीं करती क्योंकि उन्हें पहले से ही सही गलत की परख होती है लड़कियां भी इस अपराध के लिए जिम्मेदार हैं क्योंकि वह यह सब सहतीं हैं जितना अत्याचार करने वाला अपराधी होता है उतना सहने वाला भी जो लड़के लड़कियों के साथ जबर्दास्तीं करें या उन्हें छेड़ने की कशिश करें उन्हें ऐसी सजा देनी चाहिए की फिर कोई लड़का ऐसी हरकत करने की जुर्रत भी न करे इसके साथ -साथ हमे खुद को और इस समाज को भी बदलनेकी जरूरत है

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