सपना भारत माता का

समस्त स्टाफ
कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका विघालय
मुक्तिगंज , जौनपुर

 

“नारी माता  ,बहन ,पत्नी और प्रिया बन जाती
फिर भी उसे नारी होने की कीमत चुकानी पड़ती
उसे प्रभु से ये सर्वदा शिकायत रहती ,
शरीर ऐसा क्यों दिया , क्यों वह बेबस सी ही रहती
सदियों से यह क्यों चलता रहा , आँचल में है दूध ,आँखों में है पानी
हम ही दुर्गा है और हम ही काली  माँ
फिर भी  हरण किया जाता , हमरे चीर  का
अपने बेबस शरीर को बनाना होगा लोहे का
और तभी पूरा होगा सपना भारत माता  का ”

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