We need to respect women

Srajan Dikshit 
Class VI – B, Study Hall School

The dreadful Nirbhaya incident in Delhi has shaken up the whole country. This was a very shameful act towards the women, society has made them UNSAFE. In India many families don’t want to have a baby girl. This has made women UNWANTED. This mentality is very wrong without the female gender human race will come to an end. Many men think that they are superior than women, some feel there is no need to educate women which has made them UNEQUAL. This is very wrong. We need to respect women. We must feel proud of our daughters and not to feel bad when a girl is born. We must also give equal status to the women in our society. Women are at par with men. So let us make the world a happy place for women also.

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Women and girls are flowers

Sarthak Madan
VIII-B, Study Hall School

Women and girls are flowers without which a garden cannot be complete .They are daughters of our mother India. This in short means we are like brothers to them .As a brother we should protect them, give them equal opportunities, and not cheat them. But our sisters are insecure of some people who treat them as commodities. We should punish those men who raped and murdered our innocent sisters. We should protest, raise voice against them and take strict action against them. Let’s take the first step to protect our sisters and daughters of INDIA.

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रुढ़िवाद परम्पराये

 

रोली सक्सेना
प्रेरणा स्कूल

महिलाएँ असुरक्षित क्यों हैं ?
घोर चिंता का विषय
दुष्कर्म बड़ता जा रहा
बात गैरों की नहीं
अपनों का डर सता रहा  ।
लडकियाँ संसार की अनुपम  भेंट  है । वे अपार क्षमता सम्पन्न मनुष्य है जिसका आज पुरुष वस्तु के रूप में प्रयोग करते है उनका शारीरिक शोषण करते है हमारा देश भारत जिसने अपनी विशेषताओं से सम्पूर्ण विश्व में प्रसिध्दि हासिल की है । आज वही देश इस राह पर है जहाँ उनके अन्दर रहने वाली महिलाएँ असुक्षित हैं । क्या आपको लगता है ? कि इन घटनाओ के पीछे क़ानून व्यवस्था जिम्मेदार है या फिर महिलाओं द्वारा धारण किए हुए वस्त्र ऐसे अनेक सवाल है हमारे समाज में होने वाले इन दरिंदगी के ऊपर इन सवालों का उत्तर कोई नहीं बल्कि हमें हो इन्हें समाज में उजागर करना होगा आज महिलाएँ इतनी असुरक्षि हैं कि प्रतिदिन अख़बारो तथा समाचारों में इन घटनाओं के कई मामले हमारे सामने आते हैं यह केवल निम्नवर्ग या अशिक्षित लड़कियों के साथ नहीं होता बल्कि उच्च वर्ग तथा शिक्षित लड़कियां भी इसका शिकार हो रही हैं आज लड़कियां घर से लेकर बाहर तक सभी जगह असुरक्षित हैं । यह एक राष्ट्रीय समस्या के रूप में उभरी है ।

महिलायों के असुरक्षित होने के कई कारण है सबसे पहले तथा चिंता जनक समस्या है कानून व्यवस्था का कमज़ोर तथा लचर स्थिति में होना । यहाँ तक कि हमारे देश में इन घटनाओं से  सम्बंधित  कोई कानून भी नही बनाया गया है । जब तक कानून व्यवस्था में अमूल्य  चुल परिवर्तन नही होता और इनसे सम्बंधित कोई कानून नही बनता तब तक इन समस्याओ से निजात पाना शायद मुश्किल है । परन्तु यदि सरकार इनका सहयोग नही करती तो लड़कियां खुद अपने सुरक्षा के लिए जागरुक हो जाए

इसके अतिरिक्त हमारे समाज में पुरुषों को प्रधान माना जाता और इसलिए वह स्त्रियों को हर स्तर पर प्रताड़ित करते है ।
शिक्षा के प्रसार के बावजूद आज आधी जनसंख्या निरक्षर है परन्तु शिक्षित पुरुष भी तो महिलाओं का शोषण करते है । उनके लिए क्या किया जा सकता है समाज में भ्रष्ट नेताओ का निवास करना भी इसे बढावा दे रहा है । महिलाओं में आत्मनिर्भरता की कमी है । रुढ़िवाद परम्पराये काफी हद तक इसका कारण है ।

माता पिता लड़कियों को संस्कार सिखाते  है और  संस्कार के नाम पर उनसे उनका आधिकार छिनते है परन्तु अपने बेटो को ऐसी आजादी देते है जो बाहर दुसरो की बेटी को कष्ट पहुचाते  है । इन सभी समस्याओं से निजात पाने के लिए सबसे पहले हम सब को एक साथ आगे बढना  होगा और कानून व्यवस्था में कुछ सुधार होगा । तभी हम अपने समाज को मानसिक रूप से स्वस्थ्य बना पाएंगे और अपनी बेटियों की जिंदगियों को बचा पाएँगे । कुछ बेटियों को अधिकार नहीं मिलता फिर भी उनका विश्वास नहीं हिलता उम्मीद की किरण खिलती है । जैसे दिए में बाती जलती है ।

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नारी असुरक्षित क्यों ?

 

सृष्टि श्रीवास्तव
उप प्रधानाचार्या ,प्रेरणा स्कूल

 

ज्योत जलाओ नारी
नारी देवी है

नारी ममता की , सहिष्णुता की , प्रेम की, त्याग की मूर्ती है

नारी का यह गुणगान समाज द्वारा ही किया गया है और उसी की आड़ मे उसे प्रताड़ित भी किया

जाता है / अरे !नारी कोई देवी नहीं है , न ही पशु है, और न कोई वस्तु है / वह एक जीता जागता इंसान है 

उसे इन्सान की तरह जीने तो दो /

 

मेरा पूछना है नारी देवी है तो पुरुष देवता क्यों नहीं बन सकता  ?

नारी ममता की मूर्ति है तो पुरुष पितृत्व की मूर्ति क्यों नहीं हो सकता ?

नारी  सहिष्णु है तो पुरुष क्यों नहीं ?

नारी त्याग कर सकती है तो पुरुष क्यों नहीं ?

ऐसा क्यों ?

 

हमारे समाज मे नारी (बालिका ) के जन्म पर ख़ुशी न मनाना , या कई क्षेत्रो में जन्म लेते ही उन्हें मार देना ,और तो और भ्रूण हत्या करना यह बताता है कि नारी जन्म से ही उपेक्षित जीवन जीने को विवश है / वह हमेशा पुरुष से कम आँकी जाती है और उसे समान स्थान नही मिलता है /

 

ऐसा क्यों ?

अन्य कारणों के साथ इसका मुख्य कारण है कि  नारी असुरक्षित है / बाल्यावस्था से वृधावस्था

तक -वह  असुरक्षित है /अशिक्षित , परम्पराओ से जकड़े हुए परिवारों के साथ- साथ पढ़े ;लिखे सम्पन्न परिवार भी काफी हद तक इसी कारण से पुत्री के जन्म पर सशंकित हो जाते है __ क्यों कि अपनी बेटी की सुरक्षा (विवाह से पूर्व व उपरांत भी ) पल पल उन्हें डराती है / कोई अपराध न होते हुए भी अपमानित हमेशा नारी ही होती है और उससे पूरे परिवार का सम्मान जुड़ जाता है / इस भावना ने समाज में अपनी जड़े इतनी मजबूती से जमा ली है कि हम सब  युगों से उसी को सत्य मानते हुए जी रहे है /

शिक्षित  और आधुनिक होने का दम भरने वाले समाज में तकनीकि तौर पर भी नई -नई मंजिलों को छूने वाले समाज में अपने को सभ्य   और विकसित मानने वाले समाज में नारी शोषण , हिंसा बढती जा रही है , क्रूरता की हदे पार हो गई है /

ऐसा क्यों ?

नारी  असुरक्षित क्यों ?

क्यों कि कोई सशक्त कानून नहीं

जो है उन पर अमल नहीं

कोई उचित दंड नहीं

कही कोई सुनवाई नहीं

 

ऐसा क्यों ?

क्यों की इस पुरुष प्रधान समाज मे ज्यादा तर

कानून बनाने वाले है पुरुष

कानून लागू करने वाले है पुरुष

अपराधी को दंड देने वाले है  पुरुष

अपराधी को छोड़ने वाले भी है पुरुष

क्या यह सच नहीं कि इन्ही पुरुषो से ही तो नारी असुरक्षित है /

 

अब समय आ गया है

कि नारी असुरक्षित , शोषित , अपमानित क्यों है ? ये सोचने के स्थान पर हम यह विचार करे कि

पुरुष असहिष्णु क्रूर और व्यभिचारी क्यों है ?

क्यों कि यदि पुरुषो में  सहिष्णुता ,मर्यादा विवेक और सदाचार होगा तो नारी की सुरक्षा , उसका सम्मान ,उसके अधिकार सब 

अपनेआप उसके अपने हो जाएगे / घर की चार दिवारी हो या बाहर नारी शोषण समाप्त हो जाएगा /

यह हमारा सौभाग्य है कि यदि हम पीछे मुड़ कर देखे तो इतिहास गवाह है कि इसी पुरुष प्रधान समाज में अनेक महापुरुषों ने नारी कल्याण के लिए कई कठोर कदम उठाए और आज भी हमारे बीच ऐसे पुरुषो की कमी नहीं है तो मैं उन सबका आह्वाहन करती हू कि सच्चे मन से

उठो ! जागो ! और ज्योत जलाओ

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Why do men believe in sexual assault?

Devaansh Bhagat
Abhinav Singh
Abhishek Singh
Ritik Chopra

Class VII-B, Study Hall School

why do men believe in sexual assault?
what exactly is the woman’s fault?
why do we experience such cases?
woman victims can’t show their faces.
humiliating woman isn’t good,
some men are sure the source they never would.
After assaulting a woman with an iron rod,
can the fiends show their faces to god?
are the daughters of India safe?
the rapists should be digging their own grave!
women should be treated with care,
to rape them no one should dare.
number of crimes should be reduced,
women are not meant to be raped and used.
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ऐ खुदा क्यों नहीं काँपती कलम तेरी

Deepali Tripathi
Prerna Girls School

ऐ  खुदा क्यों  नहीं काँपती कलम तेरी
जब लिखता है तू, देतियुओं की जिंदगी में रात

अँधेरी क्या कसूर है इन बच्चियों का
जो इन्हे तू बना देता शिकार वेहशियों का
मैंने सुना है मंदिरों में रहता है तू
जब वो लूटते  है तेरी  बेटी की
आबरू तो क्यों नहीं  इनम, उन्हें दिखता है तू।
दुनिया का सृजन करने वाली यह।
औरत इतनी लाचार  और इतनी असुरक्षित  कुओं है?
किसी  सभा बैठक ,में यह प्रश्न पहला प्रश्न कुओं न बना।
जिस भारतवर्ष पर हम गर्व करते है क्या वहीं
यह भारत है आज समाज में जो कुछ हो रहा है
वह मानवता को तार-तार कर देने वाला है
क्या हम सिर उठा कर कह सकते है की हुम मनुष्य
है,अरे जब हम में और जानवरों में कोई अंतर ही
नहीं है, तो हम मनुष्य कहलाने के हकदार कैसे हुए।
आज समाज में लडकियाँ असुरक्षित कयों होती
जा रही है?एक तरह में उनका कारण
वे स्वयं ही है क्यूँकि इन सब अत्त्याचारों का विरोध
इन्होने पहले ही किया होता तो
आज यह सब देखने को न मिलता, इसलिए आज उन्हें मार पीट
बुरी नजर से देखना ,ताने,गाली -गलौज और बलात्कार ,उन्हें अगवा कर बेच देना आदि जैसे मुश्किलों को सहना पड़ता है।अगर वे इनका विरोध करती है तो उन्हें अपने दिमाग में पहले यह सोचना पड़ता है की वे जाए तो कहा जाए, विशवास करें तो किस पर, न्याय मांगे तो किससे,हक़ जताए तो किस पर!और किसी संकोच में रह जाती है बताए तो किसको,अगर वे बताए तो उनके अन्दर ये हिम्मत ही नही उठती।और वे इन दर के साए में जीती है।जिससे वो आत्महत्या कर लेती है।जिसके लिए तुम उस ग्लानि और अपराध के लिए दोषी ही नही हो। जब तक तुम आगे नहीं आओगी।
तब तक कुछ भी नहीं होगा, तोड़ दो उन रिति-रिवाजों को जो तुम्हे इंसाफ न दिल सके,जो तुम्हें समाज में केवल उपभोग की वास्तु माने।जिस देश की प्रशंसा पूरा विश्व करता है।वहाँ पर स्त्रियों का पुरषों के बराबर हक़ नहीं मिल पता,लड़कियों के पहनावे को नही पहले अपनी सोच को बदलिए।
जिन्दगी भर मर्दों की,गुलामी बजती औरत
मक्खियों की ता रह भिनभिनाते मर्दो से-
शारीर बचाती औरत
धोका देकर भागे गए यार को
हर सांस में दस- दस
गाली देती औरत भी
आखिर क्योँ चाहती है कि
उसकी कोख में पलता अंश भी
एक मर्द ही निकले?
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औरत तू नहीं कमज़ोर

नारी तुम केवल श्रधा हो जग के सुंदर आँगन में पियूष सी बहा करो, जीवन के सुंदर समतल में

नारी – नाम है समान  का या समाज ने कोई ढोंग रचा है,
बेटी – नाम है दुलार का, या समाज के लिए सजा है ,
पतनी – किसी पुरुष की समी है या यह रिश्ता भी एक उगी है,
माँ  – ममता की परिभाषा है, या होना इसकी भी एक निराशा है,
नारी – नाम है स्वाभिमान का, या इसका हर रिश्ता है अपमान का !
कहेते  है एहन सबको अपनी जिन्दगी सवतंत्रता पुर्वक जीने का हक है I  क्या आपको लगता है की हर व्यक्ति सवतंत्रता पूर्वक जीवन जी रहा है? नहीं – पुरुष  शायद जी रहे हो पर महिलायों को तो सवतंत्रता शब्द का अर्थ ही नहीं पता।
औरत को सिर्फ एक ही शब्द से नवाज़ा है की वह नारी ही देश का भविष्य उजागर करेगी – – लेकिन  तो यह है की इस पुरुष प्रधान देश में औरत ने कभी अपनी ज़िन्दगी जी ही नहीं क्योंकि यहाँ नारी को एक वास्तु समझकर कठपुतली की तरह इस्तेमाल करते है। घर में पति बहार छेड़ छाड़ बलात्कार इन सभी मुश्किलों से जोझ्ना पड़ता है फिर भी उसे ही गलत साबित कर दिया जाता है।
कहने को तो हम नारी आधी दुनिया है मगर क्या कभी आधार  घर भी हमारा हुआ है ?
जनम लेते ही दिखाई दिया पिता और भाई का अधिकार,
होता रहा नारी के हर फेसले का प्रतिकार,
शादी के बाद सहा पति, देवर और ससुर का तिरस्कार
जीवन का कौन सा पल जो नारी ने अपनी मर्ज़ी से जिया सरे हक सरे वजोद , सरे फेसले सिर्फ उर सिर्फ पुरुष ने ही तो लिया फिर क्यों कहते है की हम आधी दुनिया है।
जो अपराध करता है वो तो अपराधी है ही , लेकिन जो ये अत्याचार बिना आवाज़
उठाये सहती है, वह नारी भी अपराधी है। यदि पति मरता है तो सास कहेंगी आवाज़ बहार न जाने पाए तथा माँ कहेंगी की जैसा भी है पति है तेरा। इस तरह महिलाये ही महिलायों का असुरक्षा का मूल कारन है।
इसलिए अब हम नारियों को आवाज़ उठाना ही नहीं बल्कि अपने अधिकारों के प्रति सचेत भी रहना होगा।  और हम नारियों को संगठित होकर एक सवेरा बनकर प्रस्तुत करने का समय आ गया है। सूरज के उगने में जो हाथ पूजा के लिए उठते है। वही हाथ रात के अँधेरे में दुष्कर्म करने से नहीं डरते वर्षो से चला आ रहा रिवाज़ का तन बना जिसके नीचे पड़ा हर औरत को दब जाना।
पति देवर ससुर जेठ
हर एक के माथे चढ़ गयी बनकर तूछ  भेद
आज़ादी क्या है।उसने अब तक ना जाना
दबाया गया उसे बनाकर अनेक बहाना
बदलता गया दौर घुमती गयी घडी की सुई
पुरुषो का रहा वाही रवाया रही उनकी आत्मा सोयी
कोई तो आगे आकर आवाज़ उठाओ
बस अब नहीं सहेंगे चलकर उन्हें बताओ
तोड़ दो सब दीवारे और बेड़ियाँ
अब नहीं चढ़नि  और पाप की सीढियाँ
औरत तू  नहीं कमज़ोर
अब तेरे ऊपर नहीं किसी का जोर।
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DIET Sultanpur

Neelam
Sr. Lecturer – DIET Sultanpur


नहीं बहायेंगे हम आँखों से आंसू,

समझाना छोड़  देंगे तुम्हे भाई व बंधू 

करते रहोगे हम पर जब तक तुम वार,

हाथो में उठाये रखेंगे  हम तलवार ।

 

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Women, is this thing a shame

Pallavi bhutani
Class 10 – D, Study Hall School

 

Today what all the girls can do is due to there hard work and the voice that they had and is still going on for rights. Why girls,women, mother and daughter of our country is suffering a lot why not boys why not they who try to keep all mothers, girls, and women are kept in four walls I know u must be thinking that it is not like that but still  40% of our country is following all this why?? a question that rises in everyone’s mind why don’t they do anything why are they quite . Till the time the youth will not react nothing can change what is going on in our country why is every time boys are right and girls are wrong ??  We are called a democracy country but is it so y this case has taken place ? This is because the mind of the boys towards girls , boys are free to do anything but not the girls? Just think . A murder that took place that has distorted a girl’s life who was not knowing her life will take such a turn and she would not have even thought that her life would  end up like this . Now this case should not scare girls but make them more strong and they have to fight from this bad world

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The State of Society

Aiman Jafri
XI-D, Study Hall School

 Often I try to analyse what goes in the mind of a man every time he demeans women. Through rape, molestation, eve teasing or even a gesture.  All this without understanding the gravity of the impact he is likely to have. Is there no sense of regard or respect for a section which includes his mother, wife and daughter? Does he feel no shame in using women for the fulfillment of his immoral wishes? There are still more and more such questions, but one thing that I have realized is that monsters are never born, they are created.

The biggest support for these monsters is tolerance towards their offensive actions. As long as they feel that they can get away with it, they will consider it their illegitimate right.

There is more to equality than bringing more strict laws. That is bringing up children well (both boys and girls). Since birth the social roles of the respective sex is decided, and they dare not transgress. The male is like the “Almighty” of the household and a female’s capabilities can nowhere come close to that.  Patriarchy is at work. A man asserts his superiority by force and terror. Of course, not all males inhabit such qualities.

Unlike this, a woman is suppose to bear the burden of, well, being a woman. The only expectation she has for herself is to live up to the expectations of others. Can’t she be loved for being herself?

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